पुष्पी पादपों की आकारिकी (MORPHOLOGY OF FLOWERING PLANTS) आकारिकी (Morphology) - किसी जीव की बाहरी संरचना के अध्ययन को आकारिकी (Morphology) कहते हैं। एक पौधे के निम्नलिखित भाग होते हैं : जड़ (Root), तना (Stem), पत्ती (Leaf), फूल (Flower), फल (Fruit) और बीज (Seed) । जड़ (The Root) जड़ (root) एक पुष्पीय पौधे का भूमिगत भाग है जो आमतौर पर भ्रूण के मूलांकुर (radicle of the embryo) से विकसित होता है। यह पौधे को मिट्टी में स्थिर रखता है, पानी और खनिजों को अवशोषित करता है, और भोजन का भंडारण या विशेष कार्य भी कर सकता है। संरचना (Structure ) जड़ का अग्र -भाग मूल-गोप से ढका होता है। कार्यों के आधार पर जड़ को तीन अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है। a) विभज्योतक- क्षेत्र (Region of Meristematic Ac...
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पादप हार्मोन (PLANTS HORMONES)
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पादप हार्मोन पादपों में अल्प मात्रा में बनने वाले जैव - रासायनिक पदार्थ हैं जो पादपों की वृद्धि एवं विकास को प्रेरित व नियंत्रित करते हैं। इनको फाइटो हार्मोन भी कहा जाता है। पादपों में पाए जाने वाले मुख्य हार्मोन्स व उनके कार्य निम्नलिखित हैं - 1- ऑक्सिन - यह मुख्यतः तने व जड़ों के शीर्ष पर उत्पन्न होता है यह हारमोन पौंधों की लम्बाई में वृद्धि करता है। यह पत्तियों , फूलों और फलों को समय से पहले गिरने से रोकता है। तने की कटाई और ग्राफ्टिंग में जड़ों के विकास को प्रेरित करता है। पौधों में अनिषेक - फलन को प्रेरित करता है। 2-साइटों - काइनिन – यह हार्मोन पादपों में कोशिकाओं के विभाजन को प्रेरित करता है। 3- जिबरेलिन – यह हार्मोन पादपों में तनों के इंटरनोड की लम्बाई को बढ़ाता है।...