Saturday, December 21, 2024

पादप हार्मोन (PLANTS HORMONES)

 

  

 पादप हार्मोन पादपों में  अल्प मात्रा में बनने वाले जैव -रासायनिक पदार्थ  हैं जो   पादपों की वृद्धि एवं विकास को प्रेरित नियंत्रित करते हैं। इनको फाइटो हार्मोन भी कहा जाता है। 

  पादपों में पाए जाने  वाले मुख्य हार्मोन्स उनके कार्य निम्नलिखित हैं - 

1- ऑक्सिन - यह मुख्यतः तने जड़ों के शीर्ष पर उत्पन्न होता है। 

a.      यह हारमोन पौंधों की लम्बाई में वृद्धि करता है।

b.     यह पत्तियों, फूलों और फलों को समय से पहले गिरने से रोकता है।

c.       तने की कटाई और ग्राफ्टिंग में जड़ों के विकास को प्रेरित करता है।

d.      पौधों में अनिषेक-फलन को प्रेरित करता है। 

 

2-साइटों -काइनिन

       यह हार्मोन पादपों में कोशिकाओं के विभाजन को प्रेरित करता है। 

 

3-जिबरेलिन

a.     यह हार्मोन पादपों में तनों के इंटरनोड की लम्बाई को बढ़ाता है।

b.      यह पादपों में वृद्धावस्था को दूर करता है। 

c.       यह पादपों में बौनेपन  करता है।

d.      बीजों के अंकुरण को प्रेरित करता है।   

4-एथिलीन - यह गैसीय पादप हार्मोन है जो फलों को पकाने का कार्य करता है। 

5-एब्सिसिक एसिड - यह एक वृद्धि -नियंत्रक /रोधी हारमोन है। 

a.      यह फलों और पत्तियों का विच्छेदन प्रेरित करता है।

b.      यह बीजों के अंकुरण को रोकता है.

c.       पत्तियों की जीर्णता को प्रेरित करता है।

d.      यह बीज की प्रसुप्ति को तीव्र करता है, जो भंडारण प्रयोजनों के लिए उपयोगी है।

e.      जल तनाव के तहत वाष्पोत्सर्जन को रोकने के लिए रंध्रों को बंद करने को उत्तेजित करता है।

पादपों में पायी जाने वाली गतियाँ (MOVEMENTS IN PLANTS)

 

- पादपों में वृद्धि वातावरण के कारण गतियाँ होती है।   पादपों में निम्नलिखित प्रकार की गतियाँ पायी जाती  हैं। 

1.     अनुवर्तनी गति या ट्रोपिक मूवमेंट   (TROPIC MOVEMENT)

2.       नेस्टिक  गति (NASTIC MOVEMENT)

अनुवर्तनी गति या ट्रोपिक मूवमेंट -  पादपों में पायी जाने वाली जो गतियाँ , गति- कारकों की दिशा  पर निर्भर करती है,अनुवर्तनी गति या ट्रॉपिक गति  कहलाती हैं।   ये निम्न प्रकार की हैं -

()  प्रकाश-अनुवर्तनी गति (फोटो-ट्रोपीजम ) - ये गति सूर्य के प्रकाश की दिशा पर निर्भर करती है।  पादपों में तना सूर्य के प्रकाश की और वृद्धि करता है।  तना धनात्मक प्रकाशनुवर्तनी  गति दर्शाता है जबकि जड़ें ऋणांत्मक प्रकाशनुवर्तनी गति  दर्शाती हैं। 

() जलानुवर्तनी गति (हाइड्रोट्रोपीजम ) - पादपों में ये गतियां जल की दिशा पर निर्भर करती हैं।  जड़े  जल की दिशा में गति करती हैं।  जड़े धनात्मक जलानुवर्तन गति दर्शाती हैं। 

(3) रसायनुवर्तनी गति या केमोट्रोपिज्म:  यह गति किसी रसायन की उपस्थिति के कारण होती है।   उदाहरण -निषेचन की प्रक्रिया के दौरान, अंडाशय में एक शर्करायुक्त रसायन के स्राव के कारण पराग नली का बीजांड की ओर बढ़ना।

(4) गुरूत्वानुवर्तनी गति -  ये गति पृथ्वी के  गुरुत्व की दिशा की ओर होती है। जैसे जड़े पृथ्वी के गुरुत्व की  वृद्धि  करती हैं।   

 

नेस्टिक  गति (NASTIC MOVEMENT)

पादपों  में पायी जाने वाली वे गतियाँ जिन पर कारक की दिशा का प्रभाव नहीं होता है उनको नेस्टिक  गति  कहते हैं। 

उदाहरण - जब छुई-मुई के पौंधे को किसी भी  दिशा से स्पर्श किया  जाता है तो उसकी पत्तियाँ  एक ही दिशा में बंद होती हैं।