Thursday, March 7, 2019

पादपों में संवहन (Transportation in Plants )


पादपों में भी  विभिन्न पदार्थों का संवहन होता है
 पादपों में जल व खनिज का संवहन जाइलम  द्वारा किया जाता है जाइलम में संवहन की दिशा जड़ से  पादपों के वायवीय  भागों की ओर होती है ।
 पत्तियों में बना भोज्य पदार्थ फ्लोएम द्वारा पौधे के अन्य भागों में जाता है

 पादपों में रसारोहण (Ascent of Sap)-

जड़ों द्वारा अवशोषित जल तथा खनिज पदार्थों का जाइलम में  ऊपर की ओर चढ़ना रसारोहण कहलाता है।“

 रसारोहण की प्रक्रिया-     रसारोहण की प्रक्रिया को डिक्सन व जोली के “वाष्पोत्सर्जन-आकर्षण एवं  ससंजन आसंजन मत” (Transpiration-pull & cohesion-adhesion theory) द्वारा समझाया जा सकता है ।
 इस सिद्धांत के अनुसार जब रसारोहण की क्रिया होती है तो पादपों में जाइलम वाहिकाओं में जल का एक स्तंभ (Water-column) बन जाता है.
 यह जल स्तंभ वाहिकाओं में दो बलों के कारण स्थाई रहता है. जिनमें से एक  जल के अणुओं के मध्य लगने वाला “संजन आकर्षण बल” है।  जबकि दूसरा बल् जल के अणु तथा जाइलम वाहिकाओं की दीवारों के मध्य लगने वाला “आसंजक आकर्षण बल” है. इन दोनों बलों के कारण ही जाइलम वाहिकाओं में जल का स्तंभ बना रहता है.
वाष्पोत्सर्जन की क्रिया में जब जल के अणु वातावरण में पत्तियों के रंध्रों  द्वारा मुक्त होते हैं तो यह अपने पीछे के अणुओं में खिंचाव  उत्पन्न करते हैं जिसे “वाष्पोत्सर्जन आकर्षण खिंचाव” कहते हैं।  यह खिंचाव जल स्तंभ पर लगता है और उसे  ऊपर की ओर खींचता है इस प्रकार जल ऊपर की ओर चढ़ता चला जाता है । इस प्रकार पादपों में जल तथा खनिज पदार्थ जाइलम वाहिकाओं में ऊपर की ओर चलते रहते हैं इसे रसारोहण कहते हैं.