Posts

Showing posts with the label Class 11

श्वासोच्छ्वास (Breathing)

Image
श्वासोच्छ्वास (Breathing)  - मानव में सांस लेने की प्रक्रिया को  श्वासोच्छ्वास कहते हैं।    इसमें दो चरण होते हैं - अन्तः -श्वसन ( Inspiration)   व निः श्वसन (Expiration)    अन्तः -श्वसन ( Inspiration) -  वह प्रक्रिया जिसमें मानव द्वारा वायु को  फेफड़ों में भरा जाता है ,अन्तः श्वसन कहलाती है।    निः श्वसन (Expiration)     -   वह प्रक्रिया जिसमें मानव द्वारा वायु को  फेफड़ों  से बाहर निकाला जाता  है ,    निः श्वसन कहलाती है।   श्वासोच्छ्वास की क्रिया कैसे  होती है ? श्वासोच्छ्वास की क्रिया  डायफ्राम (Diaphragm) ,पसलियों (Ribs) ,स्टर्नम (Sternum) तथा एक्सटर्नल -इंटरकॉस्टल पेशियाँ (External -intercoastal muscles)व इंटरनल -इंटरकॉस्टल  पेशियों (Internal -intercoastal muscles) की गतियों के कारण होती हैं। अन्तः -श्वसन ( Inspiration)-  श्वसन के समय एक्सटर्नल -इंटरकॉस्टल पेशियाँ (External -intercostal muscles) सकुडती हैं और  पसलियां  (Ribs) और स्टर्...

पोषण (Nutrition)

पोषण (Nutrition)    वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोई जीव भोजन ग्रहण करता है और उसका उपयोग करता है, पोषण कहलाती है। पोषण की आवश्यकता: जीवों को विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा की आपूर्ति पोषक तत्वों द्वारा की जाती है। जीवों को वृद्धि और मरम्मत के लिए विभिन्न पदार्थों की  आवश्यकता होती है जो  पोषक तत्वों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। पोषक तत्व: वे पदार्थ जो जीवों को पोषण प्रदान करते हैं, पोषक तत्व कहलाते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा मुख्य पोषक तत्व हैं और वृहद् पोषक तत्व  कहलाते हैं। खनिजों और विटामिनों की कम मात्रा में आवश्यकता होती है और इसलिए उन्हें सूक्ष्म पोषक तत्व कहा जाता है। पोषण के तरीके 1. स्वपोषी पोषण 2. विषमपोषी पोषण स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) - पोषण की वह विधि जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं तैयार करता है स्वपोषी पोषण कहलाता है। हरे पौधे और नीले-हरे शैवाल पोषण के स्वपोषी तरीके का पालन करते हैं। वे जीव जो स्वपोषी पोषण करते हैं, स्वपोषी (Autotrophs)  कहलाते हैं। सभी हरे पेड़ -पौंधे स्वपोषी हैं।   स्...

Human Digestive System ( Structure of Alimentary Canal )

Image
Alimentary canal is complete as it starts from mouth and ends with anus.  Alimentary canal has following parts-     Mouth:  It is a main opening of alimentary canal and guarded with lips. Mouth opens in a cavity i.e. buccal cavity.  Buccal cavity:  This is also known as  oral cavity or mouth cavity and it is a space between our cheeks. The roof of buccal cavity is made by palate while tongue is present at floor. Buccal cavity is also bounded by jaws in front. Upper jaw is fixed while lower jaw is movable. Jaws contain teeth for mastication of food .   Teeth:  Teeth are used for grinding and mastication of food inside the buccal cavity. Teeth of human beings are “ Diphyodont (appears two times in life),Thecodont(fixed in gums)and Heterodont (different types of teeth according to function)” . We have four types teeth in our buccal cavity i.e. Incisors,Canine Premolar and Molar. - Incisors -These te...

लसीका तंत्र (Lymphatic System)

Image
लसीका तंत्र (Lymphatic System) हमारे शरीर में रुधिर परिसंचरण तंत्र के अतिरिक्त एक अन्य तरल परिसंचरण तंत्र भी पाया जाता है जिसे लसीका परिसंचरण तंत्र कहते हैं । लसीका रुधिर   की तरह एक तरल होता है जिसमें लाल रुधिराणु नहीं पाये जाते हैं ।लसीका    में लिंफोसाइट की मात्रा आधिक होती है । जब रुधिर केशिकाओं में प्रवाहित होता है तो   उसका कुछ द्रव विभिन्न प्रक्रियाओं के फलस्वरूप केशिकाओं से बाहर निकाल जाता है यही छना हुआ द्रव लसीका (Lymph) कहलाता है ।  इस लसीका को लसीका केशिकाएँ एकत्रित कर के लसीका वाहिनियों में मुक्त करती हैं । लसीका वाहिनियाँ (Lymph vessels) , शिराओं की तरह की नलिकाएँ हैं । लसीका वाहिनियाँ , बाईं - वक्षीय लसीका - वाहिनी (Left thoracic lymph duct ) व दाईं - वक्षीय लसीका वाहिनी (Right thoracic lymph duct)  में खुलती हैं । दोनों लसीका वाहिनी , अग्र - महाशिरा ( Supra-vena-cava) में   लसीका को मुक्त करती हैं इस प्रकार ...