पोषण (Nutrition)
वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोई जीव भोजन ग्रहण करता है और उसका उपयोग करता है, पोषण कहलाती है।
पोषण की आवश्यकता: जीवों को विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा की आपूर्ति पोषक तत्वों द्वारा की जाती है। जीवों को वृद्धि और मरम्मत के लिए विभिन्न पदार्थों की आवश्यकता होती है जो पोषक तत्वों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
पोषक तत्व: वे पदार्थ जो जीवों को पोषण प्रदान करते हैं, पोषक तत्व कहलाते हैं। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा मुख्य पोषक तत्व हैं और वृहद् पोषक तत्व कहलाते हैं। खनिजों और विटामिनों की कम मात्रा में आवश्यकता होती है और इसलिए उन्हें सूक्ष्म पोषक तत्व कहा जाता है।
पोषण के तरीके
1. स्वपोषी पोषण
2. विषमपोषी पोषण
स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) -पोषण की वह विधि जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं तैयार करता है स्वपोषी पोषण कहलाता है। हरे पौधे और नीले-हरे शैवाल पोषण के स्वपोषी तरीके का पालन करते हैं।
स्वपोषी पोषण उस प्रक्रिया से पूरा होता है, जिसके द्वारा स्वपोषी कार्बन डाई आक्साइड और जल का उपयोग करते हैं और क्लोरोफिल व् सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में इन्हें कार्बोहाइड्रेट में परिवर्तित करते हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहा जाता है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन मुक्त होती है।
मृतोपजीवी पोषण (Saprotrophic Nutrition) मृतोपजीवी पोषण में जीव अन्य जीवधारियों के मृत शरीरों व् सड़े गले पदार्थों से भोजन प्राप्त करता है। जिन जीवधारियों में यह पोषण पाया जाता है वे मृतोपजीवी कहलाते हैं। उदहारण -अपघटक (जीवाणु ,कवक ) आदि
परजीवी पोषण (Parasitic Nutrition): वह जीव जो किसी अन्य जीव के अंदर या बाहर रहता है और उससे पोषण प्राप्त करता है उसे परजीवी के रूप में जाना जाता है और इस प्रकार के पोषण को परजीवी पोषण कहा जाता है। उदाहरण - मच्छर ,जोंक ,एस्केरिस ,फीताकृमि , अमरबेल (कस्कूटा नामक पौंधा ) आदि ।
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