Posts

Showing posts with the label मानव श्वसन तंत्र Human Respiratory System

श्वासोच्छ्वास (Breathing)

Image
श्वासोच्छ्वास (Breathing)  - मानव में सांस लेने की प्रक्रिया को  श्वासोच्छ्वास कहते हैं।    इसमें दो चरण होते हैं - अन्तः -श्वसन ( Inspiration)   व निः श्वसन (Expiration)    अन्तः -श्वसन ( Inspiration) -  वह प्रक्रिया जिसमें मानव द्वारा वायु को  फेफड़ों में भरा जाता है ,अन्तः श्वसन कहलाती है।    निः श्वसन (Expiration)     -   वह प्रक्रिया जिसमें मानव द्वारा वायु को  फेफड़ों  से बाहर निकाला जाता  है ,    निः श्वसन कहलाती है।   श्वासोच्छ्वास की क्रिया कैसे  होती है ? श्वासोच्छ्वास की क्रिया  डायफ्राम (Diaphragm) ,पसलियों (Ribs) ,स्टर्नम (Sternum) तथा एक्सटर्नल -इंटरकॉस्टल पेशियाँ (External -intercoastal muscles)व इंटरनल -इंटरकॉस्टल  पेशियों (Internal -intercoastal muscles) की गतियों के कारण होती हैं। अन्तः -श्वसन ( Inspiration)-  श्वसन के समय एक्सटर्नल -इंटरकॉस्टल पेशियाँ (External -intercostal muscles) सकुडती हैं और  पसलियां  (Ribs) और स्टर्...

मानव श्वसन तंत्र Human Respiratory System

Image
  मानव  श्वसन तंत्र में निम्नलिखित अंग  पाए जाते।  हैं।     नासिका व  नासा-द्वार (Nose & Nostrils )   - मानव के चेहरे  पर  एक नासिका पायी   जाती  हैं और इसमें   जोड़ी नासा छिद्र  पाए जाते। हैं।  नासा-द्वार अपनी अपनी ओर के नासा-मार्ग में खुलते हैं।    नासा मार्ग की तन्त्रिका संवेदी (neuro-sensory) उपकला को श्नीडेरियन कला (Schneiderian membrane) कहते हैं। यह गन्ध का ज्ञान कराती है।  इसमें श्लेष्म स्नावित करने वाली कोशिकाएँ तथा रोमाभियुक्त कोशिकाएँ भी होती हैं।   नासा मार्ग आन्तरिक नासाद्वार (internal nares) द्वारा ग्रसनी के नासा ग्रसनी (Naso-Pharynx) भाग में खुलता है।   ग्रसनी (Pharynx) - इस भाग में नासा मार्ग तथा मुख गुहिका दोनों खुलते हैं। नासाग्रसनी (nasopharynx) कण्ठद्वार (glottis) द्वारा वायु नाल में खुलता है। स्वर यन्त्र (Larynx) - यह श्वास नाल का सबसे ऊपरी भाग है। स्वर यन्त्र में वाक् रज्जु (vocal chords) होते हैं। वाक् रज्जुओं में कम्पन होने से ध्वनि उत्पन्न ह...