लसीका तंत्र (Lymphatic System) हमारे शरीर में रुधिर परिसंचरण तंत्र के अतिरिक्त एक अन्य तरल परिसंचरण तंत्र भी पाया जाता है जिसे लसीका परिसंचरण तंत्र कहते हैं । लसीका रुधिर की तरह एक तरल होता है जिसमें लाल रुधिराणु नहीं पाये जाते हैं ।लसीका में लिंफोसाइट की मात्रा आधिक होती है । जब रुधिर केशिकाओं में प्रवाहित होता है तो उसका कुछ द्रव विभिन्न प्रक्रियाओं के फलस्वरूप केशिकाओं से बाहर निकाल जाता है यही छना हुआ द्रव लसीका (Lymph) कहलाता है । इस लसीका को लसीका केशिकाएँ एकत्रित कर के लसीका वाहिनियों में मुक्त करती हैं । लसीका वाहिनियाँ (Lymph vessels) , शिराओं की तरह की नलिकाएँ हैं । लसीका वाहिनियाँ , बाईं - वक्षीय लसीका - वाहिनी (Left thoracic lymph duct ) व दाईं - वक्षीय लसीका वाहिनी (Right thoracic lymph duct) में खुलती हैं । दोनों लसीका वाहिनी , अग्र - महाशिरा ( Supra-vena-cava) में लसीका को मुक्त करती हैं इस प्रकार ...
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