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पादप हार्मोन (PLANTS HORMONES)

       पादप हार्मोन पादपों में   अल्प मात्रा में बनने वाले जैव - रासायनिक पदार्थ   हैं जो    पादपों की वृद्धि एवं विकास को प्रेरित व नियंत्रित करते हैं। इनको फाइटो हार्मोन भी कहा जाता है।      पादपों में पाए जाने   वाले मुख्य हार्मोन्स व उनके कार्य निम्नलिखित हैं -       1- ऑक्सिन - यह मुख्यतः तने व जड़ों के शीर्ष पर उत्पन्न होता है   यह हारमोन पौंधों की लम्बाई में वृद्धि करता है। यह पत्तियों , फूलों और फलों को समय से पहले गिरने से रोकता है।   तने की कटाई और ग्राफ्टिंग में जड़ों के विकास को प्रेरित करता है।    पौधों में अनिषेक - फलन को प्रेरित करता है।     2-साइटों - काइनिन –         यह हार्मोन पादपों में कोशिकाओं के विभाजन को प्रेरित करता है।     3- जिबरेलिन –        यह हार्मोन पादपों में तनों के इंटरनोड की लम्बाई को बढ़ाता है।...

पादपों में पायी जाने वाली गतियाँ (MOVEMENTS IN PLANTS)

  पादपों में वृद्धि व वातावरण के कारण गतियाँ होती है।    पादपों में निम्नलिखित प्रकार की गतियाँ पायी जाती   हैं।   1.      अनुवर्तनी गति या ट्रोपिक मूवमेंट    (TROPIC MOVEMENT) 2.        नेस्टिक   गति (NASTIC MOVEMENT) अनुवर्तनी गति या ट्रोपिक मूवमेंट -   पादपों में पायी जाने वाली जो गतियाँ , गति - कारकों की दिशा   पर निर्भर करती है , अनुवर्तनी गति या ट्रॉपिक गति   कहलाती हैं।    ये निम्न प्रकार की हैं -   प्रकाश - अनुवर्तनी गति ( फोटो - ट्रोपीजम ) - ये गति सूर्य के प्रकाश की दिशा पर निर्भर करती है।   पादपों में तना सूर्य के प्रकाश की और वृद्धि करता है।   तना धनात्मक प्रकाशनुवर्तनी   गति दर्शाता है जबकि जड़ें ऋणांत्मक प्रकाशनुवर्तनी गति   दर्शाती हैं।   जलानुवर्तनी गति ( हाइड्रोट्रोपीजम ) - पादपों में ये गतियां जल की दिशा पर निर्भर करती हैं।...

मानव मस्तिष्क (HUMAN BRAIN )

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  मस्तिष्क तंत्रिका तंत्र का सबसे विकसित अंग है।  मानव मस्तिष्क कपाल गुहा में घिरा होता है और मेनिन्जेस से ढका होता है।  मानव मस्तिष्क के तीन भाग होते हैं- अग्र-मस्तिष्क, मध्य-मस्तिष्क और पश्च-मस्तिष्क। अग्रमस्तिष्क ( FORE-BRAIN)- ​​इसे प्रोसेंसेफेलॉन भी कहा जाता है जो प्रमस्तिष्क घ्राण लोब और डाइएन्सेफेलॉन में विभाजित होता है। सेरेब्रम मस्तिष्क का सबसे बड़ा भाग है। इसमें दो गोलार्ध हैं जो कॉर्पस कैलोसम के माध्यम से जुड़े हुए हैं। अग्र  मस्तिष्क के कार्य  (FUNCTIONS OF FORE-BRAIN) - सेरेब्रम (CEREBRUM) बुद्धि का केन्द्र है। यह व्यक्तियों की भावनाओं और भाषा को नियंत्रित करता है। यह ज्ञान का केंद्र है. यह हंसने और रोने की क्रिया को नियंत्रित करता है। यह बाहरी उत्तेजना के विरुद्ध प्रतिक्रिया के लिए जिम्मेदार है। घ्राण लोब (OLFACTORY LOBE) गंध की भावना से संबंधित हैं। डाइएन्सेफेलॉन DIENCEPHALON) अग्रमस्तिष्क का पिछला भाग है और सेरेब्रम और मध्य मस्तिष्क के बीच स्थित होता है। इसके तीन भाग होते हैं एपिथेलमस, थैलेमस और हाइपोथैलेमस।  हाइपोथैलेमस (HYPOTHALAMUS) बह...

श्वासोच्छ्वास (Breathing)

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श्वासोच्छ्वास (Breathing)  - मानव में सांस लेने की प्रक्रिया को  श्वासोच्छ्वास कहते हैं।    इसमें दो चरण होते हैं - अन्तः -श्वसन ( Inspiration)   व निः श्वसन (Expiration)    अन्तः -श्वसन ( Inspiration) -  वह प्रक्रिया जिसमें मानव द्वारा वायु को  फेफड़ों में भरा जाता है ,अन्तः श्वसन कहलाती है।    निः श्वसन (Expiration)     -   वह प्रक्रिया जिसमें मानव द्वारा वायु को  फेफड़ों  से बाहर निकाला जाता  है ,    निः श्वसन कहलाती है।   श्वासोच्छ्वास की क्रिया कैसे  होती है ? श्वासोच्छ्वास की क्रिया  डायफ्राम (Diaphragm) ,पसलियों (Ribs) ,स्टर्नम (Sternum) तथा एक्सटर्नल -इंटरकॉस्टल पेशियाँ (External -intercoastal muscles)व इंटरनल -इंटरकॉस्टल  पेशियों (Internal -intercoastal muscles) की गतियों के कारण होती हैं। अन्तः -श्वसन ( Inspiration)-  श्वसन के समय एक्सटर्नल -इंटरकॉस्टल पेशियाँ (External -intercostal muscles) सकुडती हैं और  पसलियां  (Ribs) और स्टर्...

मानव श्वसन तंत्र Human Respiratory System

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  मानव  श्वसन तंत्र में निम्नलिखित अंग  पाए जाते।  हैं।     नासिका व  नासा-द्वार (Nose & Nostrils )   - मानव के चेहरे  पर  एक नासिका पायी   जाती  हैं और इसमें   जोड़ी नासा छिद्र  पाए जाते। हैं।  नासा-द्वार अपनी अपनी ओर के नासा-मार्ग में खुलते हैं।    नासा मार्ग की तन्त्रिका संवेदी (neuro-sensory) उपकला को श्नीडेरियन कला (Schneiderian membrane) कहते हैं। यह गन्ध का ज्ञान कराती है।  इसमें श्लेष्म स्नावित करने वाली कोशिकाएँ तथा रोमाभियुक्त कोशिकाएँ भी होती हैं।   नासा मार्ग आन्तरिक नासाद्वार (internal nares) द्वारा ग्रसनी के नासा ग्रसनी (Naso-Pharynx) भाग में खुलता है।   ग्रसनी (Pharynx) - इस भाग में नासा मार्ग तथा मुख गुहिका दोनों खुलते हैं। नासाग्रसनी (nasopharynx) कण्ठद्वार (glottis) द्वारा वायु नाल में खुलता है। स्वर यन्त्र (Larynx) - यह श्वास नाल का सबसे ऊपरी भाग है। स्वर यन्त्र में वाक् रज्जु (vocal chords) होते हैं। वाक् रज्जुओं में कम्पन होने से ध्वनि उत्पन्न ह...

जैव प्रक्रम (Biological Process) :श्वसन (Respiration)

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  श्वसन (Respiration) : वह प्रक्रिया जिसके द्वारा कोई जीव भोजन का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने के लिए करता है, श्वसन कहलाती है।  श्वसन एक ऑक्सीकरण अभिक्रिया  है जिसमें ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए कार्बोहाइड्रेट का ऑक्सीकरण होता है।  कोशिका में यह अभिक्रिया  माइटोकॉन्ड्रिया  में होती है तथा उत्पन्न  ऊर्जा एटीपी (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में संग्रहीत होती है।             C 6 H 12 O 6 (s) + 6 O 2 (g) → 6 CO 2 (g) + 6 H 2 O (l) +  36 ATP   एटीपी माइटोकॉन्ड्रिया में संग्रहित होते हैं  और आवश्यकता के अनुसार उपयोग में लाएं जाते हैं।   कोशिका में कार्बोहाइड्रेट का आक्सीकरण "कोशिकीय श्वसन (Cellular Respiration) " कहलाता है.   कोशिकीय श्वसन ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया (Exothermic Reaction) है।   श्वसन में दो प्रक्रियाएं होती हैं -   1- गैसीय विनिमय (Gaseous Exchange) : वायुमंडल से ऑक्सीजन का सेवन और कार्बन डाई आक्साइड का विमोचन   2- कोशिकीय श्वसन (Cellu...